क्या तीर्छेपण का इलाज है? Is There A Treatment for Squint?| Squint (Strabismus) Explained
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क्या बच्चों में भी डिप्रेशन स्क्विंट की वजह से आ सकता है? क्या 40-50 साल की उम्र में स्क्विंट होना सामान्य है? इस वीडियो में डॉ. सौरभ पटवर्धन और ऑप्टोम सयान मुखर्जी स्क्विंट से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा कर रहे हैं।
🔹 तीर्छापन को जल्दी ठीक करने के फायदे
🔹 बड़ों में स्क्विंट के कारण और समाधान
🔹 क्या स्क्विंट सर्जरी जटिल होती है?
🔹 क्या सर्जरी के लिए अस्पताल में भर्ती होना जरूरी है?
🔹 कॉस्मेटिक स्क्विंट सर्जरी से भविष्य में कोई समस्या हो सकती है?
🔹 क्या दोनों आँखों की सर्जरी जरूरी होती है?
अगर आपको या आपके किसी जानने वाले को स्क्विंट से जुड़ी कोई समस्या है, तो यह वीडियो ज़रूर देखें! 👁️💡
Can children experience depression due to squint? Is it normal to develop squint between the ages of 40-50? In this video, Dr. Sourabh Patwardhan and Optom Sayan Mukherjee discuss all the essential aspects of squint and its treatment.
🔹 Benefits of early squint correction
🔹 Causes and solutions for squint in adults
🔹 Is squint surgery complicated?
🔹 Is hospitalization necessary for squint surgery?
🔹 Can cosmetic squint surgery cause problems in the future?
🔹 Is surgery required for both eyes?
If you or someone you know is dealing with squint, don’t miss this video! 👁️💡
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Transcript :-
हेलो फ्रेंड्स आज मैं डॉक्टर सौरव पटवन के साथ हूं जो नंदाजी बाई हॉस्पिटल का मेडिकल डायरेक्टर है आज मैंने एक बहुत कॉमन टॉपिक है म इसके बारे में डिस्कस करने में बहुत लोग ऐसे सोचते भी है कि करना चाहिए कि नहीं चाहिए तो मैं उस एक इंटरेस्टिंग टॉपिक के ऊपर डॉक्टर सौरव के साथ मैं डिस्कस करने वाला हूं हेलो सर हेलो क्विंट तिरछापन जैसे कि ये एक कॉमन टॉपिक है इसके बारे में डिस्कस करने के लिए सब लोग बहुत ज्यादा सोचते हैं तो तिरछापन होता क्या है एक्चुअली मतलब क्यों होता है सब में तो तिरछापन होता नहीं है तो ये क्या है सर एक्चुअली यस तो तिरछापन ऐसी चीज है जो छुपा ही नहीं सकते मतलब अगर आपकी आंखें तिरछी है तो आजूबाजू के सब लोगों को पता चलता है कि आंखें तिरछी है क्योंकि हम जब लोगों को देखते हैं तो हमें पता है कि दोनों आंखें एक ही जगह फोकस करेगी बराबर तिरछे पन में क्या होता है एक आंख फोकस बराबर करती है और दूसरी आंख दूसरी जगह फोकस कर रही होती है इसको ही हम लोग स्क्विंट या तिरछापन बोलते हैं यह होता क्यों है कुछ लोगों को यह बचपन से चालू होता है बिकॉज इट कैन बी कंटल ल्स मतलब कुछ बच्चों में बाय बर्थ वो हो सकता है कुछ बच्चों में पहले दो साल में डेवलप होता है उसके हिसाब से हम लोग उसको कंजना इटल मतलब बाय बर्थ इन्फेंटाइल जो एक साल में होता है या डेवलपमेंटल ऐसे बोलते हैं कुछ बच्चों में आंख में कुछ बीमारी होने की वजह से व तिरछापन हो सकता है जैसे कि मोतिया बनना काला मोतिया होना आंखों को चोट लगना इसके वजह से भी हो सकता है यह बचपन का तिरछापन है कुछ लोगों में यह तिरछापन एडल्ट एज में भी आ सकता है जिसका कारण भी बहुत सारे हो सकते हैं एक कारण ये हो सकता है कि जैसे मोतिया बन बहुत बढ़ गया है या एक आख में दिखना कम हो गया है कभी-कभी फूल पड़ जाता है पुतली के ऊपर जो विजन कम होता है उसके वजह से तिरछापन बढ़ सकता है या कुछ लोगों को पैरालिटिक जैसे कोई नस सूख गई आपकी कि आंख घूमने की कम हो गई इसके वजह से भी तिरछापन आ सकता है अभी मेन जो लोगों में यह रहता है कि तिरछापन है तो कराना है कि नहीं कराना ठीक होने के बाद वो ठीक रहेगा कि नहीं रहेगा ऐसे बहुत सारे क्वेश्चंस रहते हैं और कई लोग इसके जैसे मेरे ख्याल से दुविधा में रहते हैं कि ट्रीटमेंट कराऊ फायदा होगा कि नहीं होगा कितना रिस्क है इसमें इसलिए वो नहीं कराते तो आई थिंक फर्स्ट ऑफ ऑल तिरछापन अगर छ महीने के बच्चे में है तो वो कब कराना चाहिए इमीडिएट अच्छा ठीक है बचपन में जो तिरछापन होता है वो एक्चुअली जितना जल्दी ट्रीट करें उतना बच्चों के लिए फायदा होता है बहुत बार यह मिथ रहता है लोगों में या जैसे हम कई बार तीन चार महीने के बच्चे देखते जिनको तिरछापन है तो हम बोलते कि इसको जब जीए का फिटनेस मिल जाएगा तो हमें वो ठीक करना पड़ेगा फिर वो बच्चों के रिलेटिव्स कुछ बताते कि नहीं यह तिरछापन तो 18 साल के बाद करेंगे ठीक या बड़ा होने के बाद करेंगे तो देखो बचपन में जो तिरछापन होता है व अगर हमने उसी टाइम ठीक किया तो बच्चों की विजन या दृष्टि पर भी असर हो सकता है क्योंकि बचपन में जो तिरछापन रहता है उसके बाद कई बार एमलाप या लेजिया जिसको बोलते है आलसी आंख हो सकती है जिसमें एक आंख जो तिरछा है वह वीक हो सकता है ओके इसलिए व जितना जल्दी ठीक करो उतना बच्चों का विजन अच्छा रहेगा और जिसको हम थ्रीडी विजन बोलते दोनों आंखों का एक साथ यूज करना वो इंप्रूव हो जाएगा ठीक है अच्छा यह सिर्फ कॉस्मेटिक ही है क्या ट्रीटमेंट मतलब कुछ लोग बोलेंगे कि नहीं ये तो ठीक दिखने के लिए है इसका कोई फायदा नहीं है अभी देखिए अगर किसी बच्चे को तिरछापन है और वह स्कूल जा रहा है ओके तो उसका जो इफेक्ट है वह सिर्फ कॉस्मेटिक नहीं है ओके वह बच्चा देखो उसको अगर टीचर ने बोला कि आगे आ जाओ और इनको यह पोयम सुना दो या इसका आंसर दे दो तो कई बार बच्चों को थोड़ा सा साइकोलॉजिकल इश्यूज आ सकते हैं क्योंकि उनको पता है उनकी आंखें तिरची है बाकी जो नॉर्मल ब उनसे अलग दिखते हैं वह तो उसके वजह से कभी-कभी वह ज्यादा शाय या इंट्रोवर्ट हो सकते हैं उनके वजह से उनका स् स् कोलेस्टर परफॉर्मेंस मतलब स्कूल का परफॉर्मेंस वैसे ही एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज में जो उनका इंटरेस्ट है वो कम हो सकता है बिकॉज दे डोंट वांट टू गो ऑन स्टेज एंड परफॉर्म दे वांट टू रिमन शई तो जो बच्चे है उनका स्क्विंट ना ठीक करना मतलब तिरछापन ट्रीट करना ना सिर्फ आपके विजन के लिए या बा बाइन कलटी के लिए इपोर्ट उनके ओवरऑल साइकोलॉजिकल इंप्रूवमेंट उनका आगे का करियर इस सबके लिए बहुत बहुत बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट है अच्छा मतलब बच्चों में भी डिप्रेशन आ सकता है बिल्कुल क्योंकि क्या होता है बच्चों में जो साइकोलॉजिकल इंपैक्ट होता है दैट इज हिडन ठीक है एडल्ट में तो हम लोग समझ लेते हैं कि अच्छा इसको डिप्रेशन है यह कॉन्फिडेंट नहीं है बच्चों में पता करना यह पेरेंट्स के लिए भी कई बार डिफिकल्ट हो सकता है तो हो स वो बच्चा एक्चुअली बहुत ही आई वुड से एक्सट्रोवर्ट बच्चा है जिसको बहुत सारे एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज में पार्टिसिपेट करना है बट जस्ट बिकॉज ऑफ दिस प्रॉब्लम द चाइल्ड इ यू नो है बिकम इंट्रोवर्ट और उसके फिर बहुत सारे स्कूल और एक्स्ट्रा स्कूल एक्टिविटीज में भी इफेक्ट होता है अच्छा जो य जो तिरछापन अगर ट्रीटमेंट नहीं हुआ रहेगा सही टाइम पर तो उसमें तो इसके मतलब बहुत असर पड़ परफॉमेंस में बहुत असर पड़ सकता है एक कॉमन चीज है जो लोग बोलते हैं शादी के पहले एक बार तिरछापन करेक्ट कर लो या जॉब करने के पहले स्मार्ट दिखने के लिए तो उसी टाइम पर तो तिरछापन करेक्ट होता है कर सकते हैं तो बचपन में करेक्ट करने की इसका मतलब एक अलग फायदा होता ही है यस यस और एक मिथ है लोगों में कि एक बार तिरछापन करेक्ट किया तो वापस आ जाता है यह बहुत सारे लोगों को लगता है वो एक्चुअली मैं बताता हूं अगर तिरछापन बराबर से करेक्ट हुआ क्योंकि इसमें हमारे हर आंख के छह छह मसल्स होते हैं जो आंख को बैलेंस रखते हैं ठीक है अगर वो जो बच्चा है या इवन एडल्ट पेशेंट है उनका जो तिरछापन अगर हमने बराबर से असेस किया जैसे हम करते हैं और उसके हिसाब से उसको ट्रीटमेंट दिया तो उसका तिरछापन वापस आने के चांसेस हार्डली 5 पर अच्छा ठीक है 95 पर चांस है कि एक बार ठीक किया हुआ तिरछापन वैसे ही रहे ओके सिर्फ 5 टू 10 पर चांस ओवर द ईयर है कि वह वापस तिरछापन थोड़ा सा आ सकता है जो भी हम वापस ट्रीट कर सकते हैं पुराने जमाने में क्या था कि स्क्विंट स्पेशलिस्ट बहुत कम थे ओके मोस्टली जो स्क्विंट सर्जरीज करते थे वो दो या तीन मसल मैक्सिमम करते थे जिससे क्या होता था कि कुछ एक पर्टिकुलर डायरेक्शन में तिरछापन ठीक हो जाता था लेकिन बाकी टाम तिरछापन रहता था और ऐसे केसेस में वापस आने का चांस बढ़ जाता है ठीक है अभी जैसे हम लोग बहुत ही स्पेशलिस्ट हो गए इसमें और इसके सर्जरी भी अभी जो स्विन के स्पेशलिस्ट है वही करते हैं जो दो से ज्यादा मसल्स बहुत सारे पेशेंट में करेक्ट करते हैं और उसके वजह से वापस तिरछापन आने का चांस हार्डली 5 टू 10 पर रहता है तो अगर आप ओवरऑल देखा जाए तो 90 टू 95 पर चांस है कि आपका एक बार ऑपरेशन हो गया तो आपको वापस तिरछापन का ऑपरेशन की जरूरत नहीं लगेगी ये बहुत अच्छा जानकारी है जो डॉक्टर सौरभ ने दिया है क्योंकि इसके ऊपर सबको बहुत कॉन्फिडेंस गेन होगा क्योंकि जनरली क्या होता था पहले ज सामने देखते टाइम तिरछापन करेक्ट होता था ऊपर नीचे साइड में देखते टाइम तिरछापन रह जाता था इसके वजह से लोगों के पास कॉन्फिडेंस भी कमी होता था तो अभी लेटेस्ट टेक्नोलॉजी और सर जैसे बताया जो ये फील्ड बहुत स्पेसिफाइड हो चुका है तो इस डेफिनेटली ये ट्रीटमेंट सही टाइम पे करेंगे तो इसका रिजल्ट काफी हद तक अच्छा मिल सकता है एक बहुत इंपोर्टेंट जानकारी मैं लेना चाहता हूं आपसे क्योंकि यह बहुत कॉमन क्वेश्चन है अगर तिरछापन जो है ये किसी को लेट में डिटेक्ट हुआ जैसे कि किसी का एज 40 इयर्स 50 इयर्स है तो उसी टाइम पर अचानक तिरछापन हुआ तो क्या वजह हो सकता है उसके वजह सिर्फ आंख ही हो सकता है कि दूसरा कुछ कारण हो सकता है क् और उसी टाइम पर ट्रीटमेंट नहीं किया तो कुछ धोखा हो सकता है कि नहीं अगर आपको अचानक तिरछापन दिख रहा है तो डेफिनेटली आख के डॉक्टर को तो दिखाना ही चाहिए दूसरा इस एज में कुछ चीजें न्यूरोलॉजिकल भी हो सकती है तो इसलिए अगर आंख के डॉक्टर देख के आपको बताएंगे नहीं आपको शायद न्यूरोलॉजिकल टेस्ट की जरूरत है तो व करा लेनी चाहिए तो कभी भी आपको लगता है आपको या आपको किसी में दिखता है कि अचानक तिरछापन आ रहा है तो डेफिनेटली इमीडिएट उसको आख के डॉक्टर को दिखाना जरूरी है ठीक है इवन बच्चों में कभी-कभी वायरल इंफेक्शन की वजह से या के इश्यूज की वजह से भी तिरछापन आ सकता है वो डॉक्टर बराबर से डिटेक्ट टाइमली करेंगे तो उसमें हेल्प होता है अच्छा यह भी बहुत इंपोर्टेंट जानकारी है क्योंकि तिरछापन आंख जो है हमारा ब्रेन का आउटर भाग है और ये ब्रेन के साथ कनेक्टेड है इसलिए तिरछापन अगर अचानक किसी को हुआ तो बाकी कुछ धोखा हो सकता है कि नहीं ये आंखों को डॉक्टर को दिखाना बहुत जरूरी है उनका गाइडेंस लेना बहुत जरूरी है तो सही टाइम पे सही डायग्नोसिस होने में शायद बाकी कुछ प्रॉब्लम होने से भी हम लोग उसको रोक सकते हैं सर तिरछा पान जो है यह जो ट्रीटमेंट है इसका सर्जरी है यह बहुत कॉम्प्लिकेटेड सर्जरी है या एडमिट होना पड़ता है सो सबसे पहले और एक चीज लोगों में मतलब यह रहता है कि आख को कितना रिस्क है इसमें तो एक्चुअली जो तिरछापन का सर्जरी है वह पूरा आंख के बाहर के हिस्से में होता है अच्छा मतलब इट इज अ वी कॉल एक्स्ट्राऑकुलर सर्जरी मतलब जिसमें आख के अंदर हम जाते ही नहीं ठीक है तो इसमें क्या होता है जो मैंने बताया कि हर आख को सिक्स मसल्स कंट्रोल करते हैं तो बाहर से ही मसल्स अटैच होते हैं आख को यह मसल्स ही हम लोग या तो ज्यादा टाइटन करते हैं या रिलैक्स करते हैं इससे हम लोग वो तिरछापन ठीक करते हैं तो आंख के हिसाब से यह एकदम सेफ सर्जरी है मतलब आपको अगर ऐसा लगता है कि अरे इस आंख में तो मुझे अच्छा दिख रहा है तो डॉक्टर ने बोला है कि इस आंख का भी हमारा तिरछापन का ऑपरेशन करना पड़ेगा क्योंकि तिरछापन दोनों आंखों की बीमारी है तो कई बार जो आंख वीक है आपका उसमें भी करना पड़ता है और जो अच्छा है उसमें भी करना पड़ता है तो अगर इससे दिख रहा है तो पता नहीं क्या होगा दिखना बंद तो नहीं हो जाएगा तो 100% इसके कॉम्प्लिकेशंस नहीं होते जो दिखने में कोई भी आपको प्रॉब्लम नहीं होगा आप बिल्कुल आराम से ये ऑपरेशन करा सकते हैं और आजकल नई टेक्निक है अंडर एनेस्थ सिया भी कर सकते हैं हम लोग तो ये पेनलेस प्रोसीजर है पोस्ट ऑपरेटिव भी आपको हार्डली वन वीक का रेस्ट लगेगा उसके बाद आप रूटीन एक्टिविटीज सारे कर सकते हैं तो यह बिल्कुल ही सेफ प्रोसीजर है और आपको मतलब आपको दूसरा थॉट देने की जरूरत ही नहीं है अगर आपको तिरछापन है और डॉक्टर ने आपको सलाह दिया है कि इसका ऑपरेशन कर सकते हैं और कराना चाहिए तो आप बिल्कुल करा लो सर इसके लिए एडमिट होने का कोई जरूरत है अगर यह ऑपरेशन अंडर जनरल एनेस्थीसिया होने वाला है तो उसको कुछ घंटों के लिए हमें एडमिट रखना पड़ता है अगर यह लोकल एनिस्सिया के अंडर होता है तो पेशेंट को एडमिट रहने की जरूरत नहीं पड़ती जनरली और बोथ जनरल या लोकल एनेसी के बाद कुछ घंटों के बाद पेशेंट को यहां से छुट्टी मिलती है अच्छा सेम डे डिस्चार्ज हो सकता है सेम डे यू कैन डिस्चार्ज अच्छा और एक क्वेश्चन है सर के बहुत लोग है जिनका बचपन से एक आंख में कम दिखता है बहुत सार कारण हो सकता है उसमें कम दिखने का ठीक है तो उसमें तो विजन नहीं रहता है तो उसी आंख को अगर कोई कॉस्मेटिक पर्पस सर्जरी करना चाहते हैं तो वो करने के बाद एज उसमें विजन नहीं है तो वापस डेविट हो जाएगा कि ऐसे कुछ प्रॉब्लम अ वही हमने पहले बात किया जैसे आफ्टर स्क्विंट सर्जरी ऑलमोस्ट 90 टू 95 पर पेशेंट का वापस तिरछापन आता नहीं है सिर्फ 5 टू 10 पर पेशेंट्स का ओवर अ पीरियड तिरछापन वापस आ सकता है और वो भी हम अगर आप चाहते हैं कि वो भी ठीक करें तो वापस ऑपरेशन करके वो भी हम ठीक कर सकते हैं ठीक है तो आपको पॉजिटिव साइड देखना है कि 995 पर इ वेरी हाई परसेंटेज वेरी हाई सक्सेस रेट फॉर दिस सर्जरी जो स्कन जो सर्जरी होता है उसमें अगर एक आख में स्क्विंट है तो दूसरा आख में भी सर्जरी करने का जरूरत पड़ सकता है जैसे मैंने अभी बताया क्विंट इज इंबैलेंस बिटवीन टू आईज जो मसल्स है दोनों तो कभी कभी भी जो वीक आंख है उसके अलावा जो अच्छा आंख है उसके भी कुछ मसल्स हमें थोड़े से टाइटन या लूजन करने पड़ सकते हैं और जैसे मैंने बताया इट इज एब्सलूट सेफ इसको उसकी वजह से आपको आंख के विजन को कोई प्रॉब्लम नहीं होग बहुत सारी इंटरेस्टिंग जानकारी हमसे मिला हमको मिला है डॉक्टर सौरभ से स्क्विंट अर्ली डिटेक्शन और अर्ली सर्जरी होने में लाइफ स्टाइल भी चेंजेज हो सकते हैं उन्होंने जैसे बताया और उसमें बच्चों को जो परफॉर्मेंसेस है उसमें बहुत सारे चेंज हो सकता है स्विन का बहुत सारे मिथ उन्होंने हमको बताया जिसके अच्छा और एक कॉमन मिथ है जे स्क्विंट रना बहुत लोग बोलते हैं लकी है इज इट अ मुझे पता नहीं इसका ओरिजिन मेरे मेरे ख्याल से इसका ओरिजिन तब से है कि जब उसके लिए कोई ट्रीटमेंट नहीं था तो अ जैसे हम बोलते हैं ना कि किसी को अगर कोई डिसेबिलिटी है तो ऑफकोर्स उसको हम लोग नेगेटिवली नहीं लेना चाहिए तो प्रोबेबली इन ओल्ड टाइम्स स्क्विंट वाज कंसीडर्ड एज अ डिसेबिलिटी एंड दे यू नो कन्वर्टेड अ मिथ अराउंड इट कि वो अच्छा है मतलब आपको भाग्य लेके आएगा या जो भी है तो एंड प्रोबेबली बिकॉज देयर वाज नो ट्रीटमेंट अवेलेबल एट दैट टाइम बट सिंपल चीज है कि अगर आप किसी स्क्विंट होते मतलब किसी आदमी को देखते जिसको स्क्विंट है तो आपको ठीक नहीं लगता आपको लगता है कुछ तो ठीक नहीं है वो ठीक करना चाहिए बराबर है तो आई थिंक इन टुडेज रा इफ द ट्रीटमेंट गुड ट्रीटमेंट इज अवेलेबल वी शुड गेट इट डन राट एंड इट आल्सो लाइक यू सेड इट बूस्ट योर कॉन्फिडेंस आई हैव सीन सो मेनी पीपल दे कम बैक आफ्टर सर्जरी जो स्क्विंट करने के बाद वापस आते हैं वी कैन सी कि वो सिर्फ आंख ठीक नहीं हुई है वह पर्सन ही चेंज हो जाते हैं उनका पर्सनालिटी इंप्रूव हो जाता है और वह कई लोगों को अपने जॉब में भी हेल्प करता है राइट सो व्हेन यू हैव स्ट्रेट आइज तब आपको कॉन्फिडेंस ज्यादा आता है पहले जो आप थोड़े से डर रहे थे जॉब में भी उसका इफेक्ट आता ही है तो मैंने देखा इसके बाद लोगों का पर्सनालिटी चेंज होता है उनके जॉब प्रोफाइल्स बेटर हो जाते हैं दे वर्क बेटर दे रोम अराउंड इन द सोसाइटी विथ लॉट ऑफ कॉन्फिडेंस तो ये सिर्फ आ का सर्जरी नहीं है आई थिंक इससे बहुत सारे फायदे हो तो स्क्विंट के बारे में उम्मीद करता हूं जो आप लोग का जो भी मिथ था तो वो सारे क्लियर हो गया तो अगर किसी को भी स्क्विंट रहेगा तो उसका फायदा तो जरूर मिलेगा ट्रीटमेंट करने में और डेफिनेटली इसको सीरियसली लेना चाहिए और उसको ट्रीटमेंट करना चाहिए और बच्चों को खास करके अर्ली डिटेक्शन होना चाहिए स्कन का और उसका अर्ली ट्रीटमेंट भी होना चाहिए क्योंकि उसमें बच्चों का परफॉर्मेंस पे प्लस बच्चों का लाइफ स्टाइल में बहुत सारे फर्क पड़ सकते हैं ऐसे ही बहुत सारे नया जानकारी लेकर मैंने वापस डॉक्टर सौरव के साथ न्यू एपिसोड में आऊंगा थैंक यू
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